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Neeraj Faizabadi Shayari

05:16
(1) इश्क़ का मुफलिसी से इश्क़ का मुफलिसी से यारों कोई सरोकार नहीं होता खाए हैं ज़ख्म इतने कि हुस्न पर अब ऐतबार नहीं होता यूँ तो इश्क़ ...Read More
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